रोमियो 15:27 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान27 तिन्नैं किअ अह दिला का खुशी-खुशी, पर तिंयां आसा तै तिन्नैं ऋणी बी, किल्हैकि होरी ज़ातीए लोगा भेटी येरुशलेम नगरीए विश्वासी का खुशीए समादे आत्मिक बर्गत, और तिन्नैं बी समझ़अ इहअ कि एते बदल़ै तिंयां ज़ेतरअ बी हई सके तेतरी तिन्नां येरुशलेम रहणैं आल़ै गरीब विश्वासीए ढबै-धेल्लै दान दैई करै मज़त करे। Faic an caibideilकुल्वी27 तिन्हैं ऐ खुशी सैंघै केरू, तै यरूश्लेमा न रौहणु आल़ै रै ऋणी बी सी, किबैकि होरी ज़ाति बै यरुश्लेमा रै विश्वासी न खुशी रै समादा रा आत्मिक आशीर्वाद मिलू, तैबै तिन्हैं ऐ महसूस केरू कि बदलै न ढैबुऐ देईया आर्थिक रूपा न तिन्हरी मज़त केरी सकलै। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम27 पर त्याह ठीक भी लागा, पर त्याह त्याहरे कर्जदार भी आसा, किबेकि अगर अन्यजाति रे लोका भी त्याह री आत्मिक गल्ला रे सहभागी साहा, होर त्याह वै ठीक साहा की त्याह री शरीर रूपी में त्याह री जरूरता मे सेवा करे। Faic an caibideil |