16 किबेकि हाऊ सुसमाचारा में नांई शरमाऊदअ, किबेकि सह हर एकी बुशाह करने आले वै, पहिले यहूदी तेऊकी यूनानी वै उद्धारा रे साबे परमेश्वरा री सामर्थ्य यह साहा।
मेरै बोल़णैं और मेरी शिक्षा दी निं ज्ञैने शोभली-शोभली लोभणैं आल़ी गल्ला आथी ती। पर पबित्र आत्मां किअ आपणीं शगती करै तम्हां का प्रगट कि ज़ुंण समाद मंऐं तम्हां का खोज़अ सह आसा त शुचअ।