प्रकाशितवाक्य 9:19 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान19 किल्हैकि लोगा मारना लै ती तिन्नां घोल़े शगती ती तिन्नें खाखा और तिन्नें लिंघणैं दी; तैहीता तिन्नें लिंघणैं दानुईं ज़िहै तै और तिन्नां लिंघणैं दी तै मूंड बी और एता करै ई दैआ तै तिंयां दुख। Faic an caibideilकुल्वी19 किबैकि तिन्हां घोड़ै री सामर्थ तिन्हरै मुँहा न होर पूँछा न ती किबैकि तिन्हरी पूँछ कीड़ै सांही ती होर तिन्हां पूँछै री मुँडी भी ती होर एथै लाइया ते लोका बै दु:ख देआ ती। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम19 किबेकि त्याह घोडे री सामर्थ्य त्याह रे मुहा होर लिघणे में थी, तेबा की त्याह रे लिघणे सर्पा जेहे थी, होर त्याह रे लिघणे रे मुह भी थी होर एथी अधिकार का त्याह दुःख पजेरा थी। Faic an caibideil |
बाकी मणछ, ज़ुंण तिन्नां माहा मरी करै नांईं मूंऐं, तिन्नैं निं आपणैं बूरै कामां का मन बदल़अ। तिन्नैं निं हत्या, ज़ादू टोणअ, कंज़रैई, च़ोरी करनी छ़ाडी। तिन्नैं निं भूत और तिन्नां च़िज़े भगती और पूज़ा करनी छ़ाडी ज़ुंण तिन्नैं आपणैं हाथा करै आसा बणांईं दी, ज़िहै कि सुन्नैं, च़ंदी, पितल़, पात्थर और काठा करै बणीं मुर्ति ज़ुंण नां भाल़ी सकदी और नां शूणीं और नां हांढी सकदी। (2 इतिहास 34:25)