प्रकाशितवाक्य 8:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1 ज़ांऊं मिम्मूं सातूई मोहर खोल्ही ता स्वर्गै हूऐ थोल़ी घल़ी सोभ च़ुप्पी। Faic an caibideilकुल्वी1 होर ज़ैबै मेमणै सौतुई मोहर खोली ता स्वर्गा न औधी घण्टे तैंईंयैं सन्नाटा पौड़ू। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम1 होर ज़ेबा तेऊए साती मोहर खोली, तेबा स्वर्ग आघे घंटे तणी नयारा होऊ। Faic an caibideil |