प्रकाशितवाक्य 7:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1-2 तेखअ भाल़ै मंऐं पृथूईए च़ऊ कूणैं स्वर्ग दूत खल़्हुऐ दै, तिन्नां स्वर्ग दूता भेटी परमेशरा का पृथूई दी समुंदर और बाकी संसारा हान्नी करने शगती। तिन्नैं की सारै संसारे च़ऊ कूणैं का बागरी बंद। (दानिएल 7:2; जकर्याह 6:5) इहअ करै हुई समुंदरै, ज़िम्मीं और बणैं डाल़ा-बूटा लै बागरी बंद। तेखअ भाल़अ मंऐं कि पुर्बा बाखा निखल़अ एक होर स्वर्ग दूत। तेऊ का आसा सदा ज़िऊंदै रहणैं आल़ै परमेशरे एक मोहर। तेऊ स्वर्ग दूतै बोलअ तिन्नां च़ऊ स्वर्ग दूता लै ज़ोरै-ज़ोरै इहअ, Faic an caibideilकुल्वी1 ऐथा न बाद मैं धौरती रै च़ोहू कुणै पैंधै च़ार स्वर्गदूत खड़ै हेरै, तिन्हैं धौरती री च़ारै बागरी थामी ती ताकि धौरती या समुन्द्र या कौसी बूटै पैंधै बागर नी च़लली। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम1 एता वाद मांई धरती रे च़हू कुंणे में चार स्वर्गदूत खडे हेरी, त्याह धरती रे च़हू फेरा का बागुरी रोकी दे थी, की धरती, या समुन्द्र, या कासु बूटे में, बागुर नांई चले। Faic an caibideil |