प्रकाशितवाक्य 6:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 तेभी निखल़अ एक आगी ज़िहअ लाल घोल़अ बागै। तेऊ घोल़ै प्रैंदै शुंआरा लै दैनी परमेशरै एक तलबार और तेऊ लै दैनअ इहअ हक कि पृथूई का कर शांती खतम ताकि तिंयां एकी दुजै काटी मारी पाए। Faic an caibideilकुल्वी4 फिरी एक होर घोड़ा निकता ज़ो लाल रँगा रा ती। तेइरै सवारा बै ऐ अधिकार होर तेइबै एक बड़ी तलवार धिनुई ती ताकि धौरती पैंधा न शान्ति च़कला होर लोका एकी होरी रा वध केरै। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम4 तेऊकी एक होर घोड़अ निकदअ, जोह लाला रांगा रअ थी, तेऊ पेन्दे जोह बेठदअ थी तेऊ वै यह अधिकार दीना दा थी, धरती मेंज़ा का शांति चकणे का, की लोका एक होरी वै मारदे लागे होर तेऊवै एक बडी तलबार दिनी दी थी। Faic an caibideil |