प्रकाशितवाक्य 6:2 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान2 तेखअ भाल़अ मंऐं कि एक शेतअ घोल़अ आसा और तेऊओ शुंआर आसा हाथै धणश लई, और तेऊ लै दैनअ एक मुगट, और सह निखल़अ स्वर्गा का ज़ितै दै जोधै ज़िहअ ज़ै-ज़ैकार करदी पृथूई लै कि सह भी ज़िती एछे। Faic an caibideilकुल्वी2 तैबै मैं नज़र पाई होर एक शेता घोड़ा हेरू होर तेई पैंधै बेठादा धनुष लेइया होर तेइबै एक मुकट धिनुआ होर सौ धौरती पैंधै स्वर्गा न बाहरै नौठा, ज़ुणियै पैहलै न ओरु जीत हासिल केरी होर तेई फिरी ज़ीतणा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम2 होर मांई नजर करी होर हेरू एक शेतअ घोड़अ, होर तेऊ पेन्दे एक धनुष लाई करे एक मुकुट हेरू, होर सह जय बोलदअ होई करे निकदअ, होर बोलू होर भी जय भेटे। Faic an caibideil |