प्रकाशितवाक्य 6:15 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान15 तेखअ लुक्कै पृथूईए राज़ै, प्रधान, सरदार, सेठ, जोधै और हरेक गुलाम और हरेक आज़ाद मणछ धारा दी खोखा और डुआरै। (याशायाह 2:10,19) Faic an caibideilकुल्वी15 धौरती रै राजा, प्रधान, अधिकारी होर धनवान, सामर्थी लोक, हर एक गुलाम होर हर एक आज़ाद ढौगै री गुफ़ा न होर टोहला न ज़ाइआ गोज़ुऐ। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम15 तेबा धरती रे राजा, होर प्रधान, होर सरदार, होर धनवान होर सामर्थी लोका होर हर एक नोकर होर हर एक आजाद, पहाडा री दुआरली होर चटना में गोझी, Faic an caibideil |