प्रकाशितवाक्य 5:11 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान11 तेखअ भाल़अ भी और मंऐं शूणअ नभैऊशै लाखों-लाखों स्वर्ग दूतो बोल, तिंयां तै एतरै खास्सै कि तिन्नां निं कुंण गिणी सकदै। तिंयां तै राज़गादी और तिन्नां ज़िऊंदै प्राणीं और च़ौबी मंडल़ीए सैणैं फेर। (दानिएल 7:10) Faic an caibideilकुल्वी11 फिरी ज़ैबै मैं हेरू, ता तेई सिंहासन होर तिन्हां प्राणियै होर स्याणै रै च़ोहू पासै बोहू सारै स्वर्गदूता रा शब्द शुणू, ज़ौसरी गिणती लाखों होर करोड़ै री ती। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम11 होर जेबा मांई हेरू, तेबा तेऊ सिंहासन होर त्याह प्राणी में होर त्याह प्राचीना रे चहु तरफा बहू स्वर्गदूता रे शब्द शुणु ज़ासकी गिनती लाखा करोड़ा में थी। Faic an caibideil |