प्रकाशितवाक्य 4:2 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान2 तेभी ज़ाण्हूंअ मुखा कि हुंह किअ परमेशरे आत्मां आपणैं बशै और मंऐं कै भाल़अ कि स्वर्गै आसा एक राज़गादी और तेसा राज़गादी दी आसा कुंण बेठअ द। (1 राज़ा 22:19) Faic an caibideilकुल्वी2 होर तुरन्त हांऊँ पवित्र आत्मा न भौरुआ; होर मैं स्वर्गा न एक सिंहासन हेरू होर तेई सिंहासना पैंधै कोई बेठा सा, Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम2 होर तेभरी हांऊ आत्मा में आउअ, होर कैह हेरा मांई पता करू की एक सिंहासन स्वर्गा में डाहूद साहा, होर तेसा जागहा कुण वैठदअ हेरू। Faic an caibideil |