प्रकाशितवाक्य 4:10 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान10 ज़ेभै-ज़ेभै तिंयां च़ार प्राणीं इहअ करा ता तेभै पल़ा तिंयां च़ौबी सैणैं तेऊ सम्हनै उटी बाखा माथै टेकदै और तिंयां काढा आपणैं मुंडा मुगट राज़गादी सम्हनै ज़ोरै-ज़ोरै इहअ बोलदी धरनीं कि (भज़न 47:8) Faic an caibideilकुल्वी10 तैबै चौऊबी स्याणै सिंहासना पैंधै बेशणू आल़ै सामनै ज़ो ज़ुग-ज़ुग ज़िन्दा सा प्रणाम केरू होर आपणै-आपणै मुकट सिंहासना सामनै ऐण्ढा बोलदै-बोलदै रखै, Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम10 तेबा चबी प्राचीन सिंहासना पेन्दे वैशण आल रे सामने पड़ने, होर जोह जुगे -जुगे जिऊंदअ साहा तेऊवै नमस्ते करले; होर त्याह आपणे-आपणे मुकटा सिंहासना रे सामने यह बोलदे हुणे पाउणे, Faic an caibideil |