प्रकाशितवाक्य 3:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 ज़ुंण ज़िते तेऊ लै बन्हैऊंणैं इहै ई करै शेतै झिकल़ै, और तेऊओ नांओं निं हुंह ज़िन्दगीए कताबा का काटदअ। पर तेऊओ नांओं बोल़णअ मुंह आपणैं बाप्पू और आपणैं स्वर्ग दूता सम्हनै। (प्रगट की दी गल्ला 21:27) Faic an caibideilकुल्वी5 ज़ुण जय पाला तेइरै ऐसा रीतियै शेतै झिकड़ै लाणै होर मूँ तेइरा नाँ ज़िन्दगी री कताबा न कौसी भी रीतियै नी काटणा, बल्कि तेइरा नाँ आपणै पिता होर तेइरै स्वर्गदूता सामनै मनणा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 जोह जय पाए त्याह वै एउ सावै शेते झिकड़े बनणे वै दीणे, होर महा त्याहरे ना जीबना री कताबा का केऊ भी सावै नांई काटणे पर तेऊरे ना आपणे बापू, होर स्वर्गदूता रे सामने मनणे। Faic an caibideil |
“ज़हा पशू तूह एभै भाल़अ आसा लागअ द, अह रहा त पैहलै पर ऐबै निं रहणअ, अह निखल़णअ नथहऐ कूंडा का बागै और परमेशरा करनअ अह ऐबै सदा लै खतम। तेखअ पृथूई दी रहणैं आल़ै ज़सरै नांअ संसारे मूल़ हणें बगती ज़िन्दगीए कताबा दी निं आथी लिखै दै, ज़ांऊं तिन्नां एऊ पशूए दशा भाल़णीं ता तिंयां प्राछणैं। अह रहा त पैहलै और एभै निं अह आथी पर अह एछणअ एकी बारी भी। (प्रगट की दी गल्ला 17:11)
तेखअ भाल़ै मंऐं मूंऐं दै लोग, कै होछ़ै कै बडै तिंयां तै राज़गादी आजू खल़्हुऐ दै। ज़ुंण मूंऐं दै लोग समुंदरै आसा डुबै दै, ज़ुंण मरी करै घोरी आसा दाबै दै, तिंयां सोभै लोग ज़ुंण मूंऐं दै रहणें ज़ैगा आसा तिंयां सोभ खल़्हुऐ राज़गादी सम्हनै। तेखअ खोल्ही तिधी ज़िन्दगीए कताब और होर बी कई कताबा। मूंऐं दै मणछो न्याय हुअ तिन्नें तेसा कताबा दी लिखै दै तेते साबै ज़ुंण तिन्नैं आपणीं ज़िन्दगी दी किअ। तिन्नों न्याय हणअ तिन्नें कामें साबै। (दानिएल 7:10)
ज़ुंण ज़िते सह बणांणअ मुंह परमेशरे मांदरै एक थाम्ह, और सह निं भी कधि बागै निखल़णअ, और मुंह आपणैं परमेशरो नांअ और आपणैं परमेशरे नगरी पबित्र ज़ैगा, मतलब-नऊंऐं येरुशलेम मांदरो नांअ ज़ुंण मेरै परमेशरा सेटा स्वर्गा का एछणैं आल़अ आसा, आपणअ नऊंअ नांअ लिखणअ मुंह तेऊ दी। (प्रगट की दी गल्ला 21:2; याशायाह 65:15; यजकेल 48:35)
“पर हाँ, सरदीस नगरी दी आसा ताह सेटा थोल़ै इहै विश्वासी बी ज़ुंणी आझ़ तैणीं कोई गलत काम निं किअ। अह आसा एता ज़िहअ कि तिन्नैं निं आपणैं झिकल़ै दी छ़ोत लाई। इहअ करै आसा तिंयां मुंह संघै रहणैं जोगी, तिंयां रहणैं मुंह ई संघै और हर गल्ला दी हणैं तिंयां तिन्नां लोगा ज़िहै शुचै ज़ुंणी शेतै झिकल़ै आसा बान्हैं दै।