प्रकाशितवाक्य 3:20 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान20 “हेर, हुंह आसा दुआरै खल़्हुअ हई करै टोकदअ लागअ द; ज़ै मेरअ बोल शूणीं करै कोई मुल्है दूआर खोल्हे, तेऊ सेटा लै एछणअ मुंह भितरी और तेऊ संघै खाणीं मुंह रोटी, और तेऊ खाणीं मुंह संघै। Faic an caibideilकुल्वी20 शुणा, हांऊँ दुआरा पैंधै खड़ै होईया खटखटा सा अगर कोई मेरै शब्द शुणिया दुआर खोलला ता मूँ तेई हागै भीतरै एज़िया तेई सैंघै रोटी खाँणी होर तेई मूँ सैंघै। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम20 हेर हाऊं दुआरा सेटा खडूदअ होर दुआरा टोकदअ लागद साहा, अगर कोई मेरी हाका शूणलअ होर दुआरा खोलअ तेबा महा मीतर इच्छी करे तेऊ संघे रोटी खाणी। Faic an caibideil |