प्रकाशितवाक्य 21:8 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान8 “पर ज़ुंण मुंह दी भरोस्सअ नांईं डाहे, तिंयां पाणै ज़ोरा-ज़ोरी तेऊ समुंदरा दी ज़ुंण गंधका करै ज़ल़ा, सह आसा दुजी मौत। अह इहअ नतिज़अ हणअ तिन्नां लोगो बी ज़ुंण होरी लोगा सम्हनै मेरअ नांअ लणै का डरा, ज़ुंण बूरै काम करा, ज़ुंण होरी मारी पाआ, ज़ुंण कंज़रैई करा, ज़ुंण ज़ादू करा, मुर्तिए पूज़ा करा और झ़ुठअ बोला।” (1 कुरिन्थी 6:9-10; इफिसी 5:5) Faic an caibideilकुल्वी8 पर डरपोक, अविश्वासी, घिनौनै कोम केरनु आल़ै, खूनी, व्यभिचारी, ज़ादू टोणै केरनु आल़ै, मूर्ति री पूज़ा केरनु आल़ै होर सैभी झ़ूठै रा भाग तेसा झ़ीला न मिलणा ज़ो औगी होर गन्धकै लाइया भौकदी रौहा सा, ऐ दुज़ी मौऊत सा।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम8 पर जोह डरपोक होर जोह अबिश्बासी, घिनोन, हत्या करन आले, जादू करन आले, मूर्ति पूजा करन आले, होर सभी रअ झूठअ भाग झीला में भेटण, जो आगी होर गन्धका संघे जलदी रहंदा यह दूजी मऊत साहा। Faic an caibideil |