प्रकाशितवाक्य 21:25 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान25 तेसा नगरीए प्रऊल़ी हआ कबल्ली घुआल़ी किल्हैकि तिधी निं कधि राच पल़दी। (याशायाह 60:11; जकर्याह 14:7) Faic an caibideilकुल्वी25 होर तेइरै फाटक ध्याड़ी कैधी भी बन्द नी होंणै होर तौखै रात नी होंणी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम25 तेत्के फाटक धियाडी में कधी भी बंद नांई हुणे, होर तखे राच कधी भी नाई हूणी। Faic an caibideil |