प्रकाशितवाक्य 20:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5-6 ईंयां लोग आसा पैहलै ज़ुंण भी ज़िऊंदै हुऐ और तिंयां आसा खास बर्गता आल़ै और पबित्र। ईंयां निं दुजी बारी भी कधि मरनै। ईंयां हणैं परमेशरा और मसीहा लै परोहित और इना करनअ तिन्नां संघै हज़ार साला तैणीं राज़। मूंऐं दै मणछा मांझ़ै निं होर कोहै हज़ार साला तैणीं ज़िऊंदअ हणअ। Faic an caibideilकुल्वी5-6 ऐ मूँऐंदै न ज़िन्दै हुऐ पैहलै लोका सी होर खास केरिया धन्य होर पवित्र सी। दुज़ी मौऊती रा तिन्हां पैंधै कोई अधिकार नी ऑथि। तिन्हां परमेश्वर होर मसीह रै पुरोहित होंणा होर तिन्हां सैंघै हज़ार बौर्षा तैंईंयैं राज़ केरना। हज़ार बौर्षा तक कोई दुज़ै मूँऐंदै लोका ज़िन्दै नी केरै। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 जेबरे तणी या हज़ार साला पुरी नांई होई तेवरे तणी बची दे मुएँदे साहा त्याह जिऊंदे नांई होई। यह तअ पहिला पुनरुत्थान साहा। Faic an caibideil |