प्रकाशितवाक्य 20:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1 तेखअ भाल़अ मंऐं एक स्वर्ग दूत स्वर्गा का उंधै होथदअ; तेऊए हाथै ती नथहऐ कूंडे कुंज़ी और एक बडी शांघल़। Faic an caibideilकुल्वी1 फिरी मैं एक स्वर्गदूत स्वर्गा न उतरदा हेरू, ज़ौसरै हौथा न नरक कुण्डै री कुँज़ी होर एक बड़ी ज़ँज़ीर ती। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम1 तेहुकी मांई एक होर स्वर्गदूत स्वर्गा का इंदअ हेरू, ज़ासरे हाथे अथाअ कुंडा री कुंजी होर एक बडी शांगली थी। Faic an caibideil |