प्रकाशितवाक्य 2:17 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान17 “ज़ै कुंण समझ़णअ च़ाहे तै दै एसा गल्ला दी धैन कि परमेशरे आत्मां मंडल़ी लै किज़ै बोला, ज़ुंण ज़िते, तेऊ लै दैणअ मुंह गुप्त ‘खाण’ और तेऊ लै मुंह एक शेतअ पात्थर बी दैणअ और तेऊ पात्थरा दी हणअ एक नांअ लिखअ द, तेऊ पात्थरा दी लिखै दै नांओं थोघ निं तेऊ का सुआई होरी कोही का लागणअ। (प्रगट की दी गल्ला 2:7) Faic an caibideilकुल्वी17 ज़ो कोई मेरै सन्देशा बै समझ़णा चाहा सा तेइबै ध्याना सैंघै शुणना चेहिऐ ज़ो पवित्र आत्मा मण्डली बै कि बोला सा, ज़ुण लोका जय पालै तिन्हां बै मूँ गुप्त मन्ना देणा होर तेइबै एक शेता पात्थर भी देणा; होर तेई पात्थरा पैंधै एक नाँ भी लिखुदा होंणा। तेई नाँ बै कोई होर नी ज़ाणी सकदा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम17 जासके कनेट साहा त्याह शूणा आत्मा कलीसिया का कह बोला, की जोह जय पाऊले तेऊबै महा गुप्ता मना मेंज़ा का दीणा, होर तेऊबै एक शेतअ पाथर भी दीणअं, होर तेऊ पथारा में एक ना लिखू दा हुणा जोह तेऊ पाऊणे आल रे सिबाये होर कासी नांई जाणना। Faic an caibideil |