प्रकाशितवाक्य 2:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1 तेऊ बोलअ मुल्है इहअ बी “इफिसुस नगरी दी विश्वासी मंडल़ीए स्वर्ग दूता लै लिख इहअ समाद कि हुंह आसा सह ज़ुंणी सात तारै आपणैं खाणैं हाथै आसा ढाकै दै और सह ज़ुंण सात सुन्नें सदीऐ जैंदरी हांढा, हुंह बोला ताल्है इहअ, Faic an caibideilकुल्वी1 तेइयै मूँ सैंघै ऐ भी बोलू, इफिसुस शैहरा री मण्डली रै स्वर्गदूता बै ऐ सन्देश लिख; हांऊँ सौऐ सा ज़ुण आपणै दैहिणै हौथा न सौत तारै ढौकै सी, होर ज़ुण सुनै री सौत दीवटै रै बिच़ा न फिरा सा। ज़ो हांऊँ बोला सा सौ शुण। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम1 इफिसुसा री कलीसिया रे स्वर्गदूता वै यह लिख ज़ोह सात तारे आपणे दाहिणे हाथा में लई दे साहा होर जोह सुने री साता दिबटा रे मेंझ जोह फिरदा, सह यह बोला कि, Faic an caibideil |
मुर्ति लै निं परमेशरे मांदरा दी ज़ैगा आथी। किल्हैकि हाम्हैं ता ज़िऊंदै परमेशरै मांदर आसा, ज़िहअ परमेशरै पबित्र शास्त्रा दी आसा बोलअ द, (लेबी बधान 26:11-12; यिर्मयाह; 32:38; यजकेल 37:27) “मुंह बस्सणअ तिन्नां मणछा संघै और मुंह रहणअ तिन्नां मांझ़ै हांढदै-फिरदै। हुंह हणअ तिन्नों परमेशर और तिंयां हणैं मेरै लोग।”