प्रकाशितवाक्य 18:2 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान2 तेऊ बोलअ ज़ोरै-ज़ोरै इहअ, “ढूल़ी गअ, बडी बाबेल नगरी ढूल़ी, “तिंयां हुऐ हर भूता रहणें बसेरै, और हरेक छ़ोतलै और च़िल़्हखरै पंछ़ीए बसेरै। (याशायाह 13:21; यिर्मयाह 50:39; 51:37) Faic an caibideilकुल्वी2 तेइयै ज़ोरा सैंघै पुकारिया बोलू, “ढौऊ! ढौऊ, बड़ा बैबीलोन नगर ढौऊ!” होर बुरी आत्मै री रौहणै री ज़ैगा, होर हर एक बुरी आत्मा रा अड्डा, होर एक छ़ोतले होर घृणित पक्षी रा आड्डा हुआ। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम2 तेऊ ज़ोरे संघे बोलू, पडू की, बडअ बाबेल जानबर पडू! सह दुष्टात्मा रअ घर, होर हर एकी अशुद्ध आत्मा रा आड़ा, होर हर एकी दुष्टात्मा होर माडे चेलू रा आड़ा होऊ। Faic an caibideil |