प्रकाशितवाक्य 18:17 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान17 हेरा हेरी हुई तेसा नगरीए बडी भारी धन माया बरैबाद।’ “हरेक पाणींए ज़हाज़े कप्तान, ज़हाज़ च़लाऊंणैं आल़ै और तेथ दी डेऊणैं आल़ै और ज़ेतरै लोग समुंदरे बाता बपार करा तिंयां सोभै खल़्हुऐ तेसा नगरी का दूर। Faic an caibideilकुल्वी17 घड़ी भरा न तेइरा बड़ा भारी धन नाश हुआ!” होर हर एक माँझी, जलयात्री होर मल्लाह होर ज़ेतरै भी समुन्द्रा न कमौआ ती सैभै दूर खड़ै हुऐ। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम17 एकी घड़ी में तेऊरा सारा धन खत्म होऊ, होर एक माझी होर जलयात्री होर मल्ल, होर जेतरा भी समुन्दरा कअ कमाउदा, सभे दुर खडे होई, Faic an caibideil |