प्रकाशितवाक्य 18:15 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान15 “इना च़िज़े बपारी ज़ुंण तेसा करै सेठ हुऐ तै, तेसरी दाहे मारै रहै दूर लेरदै चाछल़दै और तिन्नां बोल़णअ लेरदी-लेरदी इहअ, Faic an caibideilकुल्वी15 इन्हां च़ीज़ै रै व्यपारी ज़ो तेसरी ज़रियै धनवान हुऐ ती, तेसरी पीड़ा न डौरिया दूर खड़ै होंणा, होर रोइया होर शोक केरिया बोलणा, Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम15 याह चिजा रे व्यापारी जोह तेऊका धनवान होई दे थी, तेऊरी दाहु री डरा का दूर खडे हुणे, होर लेरदे होर कामदे-कामदे बोलणा। Faic an caibideil |