प्रकाशितवाक्य 18:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1 तेखअ भाल़अ मंऐं एक होर स्वर्ग दूत स्वर्गा का उंधै होथदअ, तेऊओ त बडअ हक भेटअ द और पृथूई हुई तेऊए झ़ामणा करै प्रैशी। Faic an caibideilकुल्वी1 ऐथा न बाद मैं एक स्वर्गदूत स्वर्गा न उतरदा हेरू ज़ौसरा बड़ा अधिकार मिलू ती होर धौरती तेइरी महिमा सैंघै प्याशी हुई। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम1 एता वाद मांई एक होर स्वर्गदूत स्वर्गा का इन्धअ हेरू, जासु बडे अधिकार भेटे दे थी; होर धरती तेऊ तेज प्रयाशे का चमकी। Faic an caibideil |