प्रकाशितवाक्य 17:9 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान9 “एता समझ़णा लै लोल़ी बुधि। ज़हा का बुधि आसा सह सका समझ़ी कि तेसा लै आसा अह ई मोक्कअ, तिंयां सात मूंड आसा सात धारा, ज़हा दी सह बेटल़ी आसा बेठी दी। तिंयां सात राज़ै बी आसा, Faic an caibideilकुल्वी9 “ऐ समझ़णै री तैंईंयैं एक ज्ञानी बणना ज़रूरी सा, ते सौत मुँडी सौत पहाड़ सी ज़ौस पैंधै सौ बेटड़ी बेठी सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम9 एता समझने बे एक ज्ञानी राजे जेहा हुणा जरूरी साहा; त्याह सात मुड़ सात पहाड़ साहा, जासु में सह वेटडी बैठी दी साहा। Faic an caibideil |