प्रकाशितवाक्य 17:7 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान7 पर स्वर्ग दूतै बोलअ मुखा, “तूह किल्है हुअ रहैन? हुंह खोज़ूं ताखा एसा बेटल़ी और एऊ पशूए बारै भेद ज़हा दी अह बेठी दी आसा, ज़सरै सात मूंड और दस शींग आसा। Faic an caibideilकुल्वी7 तेई स्वर्गदूतै मुँभै बोलू, तू किबै हैरान हुआ? हांऊँ तौभै ऐसा बेटड़ी होर तेई पशु रा ज़ौस पैंधै सौ सवार सा होर ज़ौसरी सौत मुँडी होर दस शींग सी, भेद दसा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम7 तेबा तेऊ स्वर्गदूते महा वै बोलू तुह किवै हेरान होऊ? हाऊं तेसा बेटड़ी होर तेऊ जानबरा जासु पेन्दे सह वैठी दी साहा होर ज़ासरे सात मुड साहा होर दस शिंग साहा, हाऊं इतका भेद ताहबे खोजू। Faic an caibideil |
“ज़हा पशू तूह एभै भाल़अ आसा लागअ द, अह रहा त पैहलै पर ऐबै निं रहणअ, अह निखल़णअ नथहऐ कूंडा का बागै और परमेशरा करनअ अह ऐबै सदा लै खतम। तेखअ पृथूई दी रहणैं आल़ै ज़सरै नांअ संसारे मूल़ हणें बगती ज़िन्दगीए कताबा दी निं आथी लिखै दै, ज़ांऊं तिन्नां एऊ पशूए दशा भाल़णीं ता तिंयां प्राछणैं। अह रहा त पैहलै और एभै निं अह आथी पर अह एछणअ एकी बारी भी। (प्रगट की दी गल्ला 17:11)