प्रकाशितवाक्य 17:11 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान11 “ज़ुंण पशू पैहलै रहा त, सह निं एभै आथी, सह आसा आप्पू आठुअ राज़अ। पर सह आठुअ राज़अ आसा तिन्नां साता ई मांझ़ा का निखल़अ द और खिरी करनअ सह सदा लै खतम। Faic an caibideilकुल्वी11 होर ज़ो पशु पैहलै ती होर ऐबै नी ऑथि सौ आपु औठुआ सा होर तिन्हां सौता मौंझ़ै न एक सा होर विनाशा न पौड़ना। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम11 जोह जानबरा पहिले थी, होर एबा नांई आदअ, सह आपु आठअ साहा; होर सह त्याह सात मेंज़ा का निकदअ, होर बिनाशा में पडण। Faic an caibideil |
“ज़हा पशू तूह एभै भाल़अ आसा लागअ द, अह रहा त पैहलै पर ऐबै निं रहणअ, अह निखल़णअ नथहऐ कूंडा का बागै और परमेशरा करनअ अह ऐबै सदा लै खतम। तेखअ पृथूई दी रहणैं आल़ै ज़सरै नांअ संसारे मूल़ हणें बगती ज़िन्दगीए कताबा दी निं आथी लिखै दै, ज़ांऊं तिन्नां एऊ पशूए दशा भाल़णीं ता तिंयां प्राछणैं। अह रहा त पैहलै और एभै निं अह आथी पर अह एछणअ एकी बारी भी। (प्रगट की दी गल्ला 17:11)