प्रकाशितवाक्य 16:11 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान11 आपणीं दाह और दुखणैं करै लागै तिंयां स्वर्गे परमेशरे निंदा करदै; पर आपणैं-आपणैं बूरै कामां का निं मन बदल़अ। Faic an caibideilकुल्वी11 होर आपणी पीड़ै री बजहा न होर दु:खणै री बजहा न स्वर्गै रै परमेश्वरै री निन्दा केरी होर आपणै-आपणै कोमा न मन नी फेरू। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम11 होर आपणे दुखा रे होर दुखणे री बजा कअ स्वर्गा रे परमेश्वरा री निंदा करी, पर आपणे-आपणे कामा का मन नांई फिराऊ। Faic an caibideil |