प्रकाशितवाक्य 15:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 ज़ांऊं ईंयां गिह बोली मुक्कै, ता मंऐं भाल़अ स्वर्गो मांदर आसा घुआल़ी। सह ज़ाण्हिंआं त तेऊ च़ऊंरै ज़िहअ ज़ेता इस्राएली च़ाल़्ही साला तैणीं बणैं रहै आप्पू संघा रगाऊंदै लागी। Faic an caibideilकुल्वी5 होर ऐथा न बाद मैं हेरू कि स्वर्गा न गुआही रै तोम्बू रा मन्दिर खोलुआ। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 एता बाद मांई हेरू, की स्वर्ग गुआही रे तांबू का मन्दिर खोलू। Faic an caibideil |