प्रकाशितवाक्य 14:3 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 तिंयां 144,000 आसा राज़गादी, तिन्नां ज़िऊंदै ज़ीबा और मंडल़ीए सैणैं सम्हनै एक नऊंईं गिहा बोलदै लागै ज़ेता सिधै तिंयां ई सका तै शिखल़ी। तिंयां आसा तिंयां पबित्र मणछ ज़ुंण परमेशरै तिन्नां लोगा मांझ़ा का आणै तै बच़ाऊई ज़ुंण पृथूई दी रहा। Faic an caibideilकुल्वी3 ते सिंहासना सामनै होर च़ारै प्राणी होर स्याणै सामनै ऐ नोंऊँआं गाणा गाँदै लागै ती, होर तिन्हां एक लाख चौआलीस हज़ार मांहणु बै छ़ौड़िआ ज़ो धौरती पैंधै न मोल लेउऐ दै ती, कोई तेई गाणै बै सिखी नी ती सकदा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम3 होर त्या सिंहासना रे सामने होर चहु प्राणी होर प्राचीना रे सामने मना एक नया गाना गाउदे लागे थी, होर त्याहे एक लाख चोडतालिस हज़ार लोका छाडी, जोह धरती मेंज़ा का लईदे थी, त्याह मेंज़ा का तेऊ गाणे कोहे नांई सिखी सकदा थी। Faic an caibideil |