प्रकाशितवाक्य 13:2 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान2 ज़ुंण सह एक होर पशू मंऐं भाल़अ, सह आसा त च़राघा ज़िहअ और तेऊए खूर तै भालू ज़िहै और तेऊओ मुंह त शेरा ज़िहअ और तेसा बडी दानुईं दैनी आपणीं राज़गादी और आपणअ सारअ हक और आपणीं सारी शगती तेऊ लै। Faic an caibideilकुल्वी2 मैं ज़ो खतरनाक पशु हेरू ती सौ चीतै सांही ती। तेइरी ज़ोंघा भाल़ू सांही ती होर तेइरा मुँह शेर रै मुँहा सांही ती। तेई अजगरै आपणी शक्ति, सिंहासन होर सारा अधिकार तेइबै धिना। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम2 जोह शेर मांई निखलदअ हेरू सह बरयागा साही जानबर, होर तेऊरी टांगा भालू जेही, होर मुँह अजगरा साही थी। होर सर्पा रअ सामर्थ्य होर अपणा सिंहासन होर बड़ा अधिकार तेऊबे दिना। Faic an caibideil |