प्रकाशितवाक्य 13:10 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान10 “ज़हा कैद खानै दी डेऊणअ, सह हणअ कैद, “ज़ुंण तलबारा करै मारे, सह बी मारनअ तलबारा करै, “पबित्र लोगो विश्वास और सबर आसा एता ई दी।” (प्रगट की दी गल्ला 14:12) Faic an caibideilकुल्वी10 “ज़ुणिबै कैद होंणा सा, तेई पक्का कैद होंणा, अगर कोई तलवारियै लाइया मारला, ता तेई भी तेसा तलवारियै लाइया मारिना।” पवित्र लोका रा धीरज होर बशाह ऐथा न सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम10 जोह जेला में नाहणा चाहन्दा, सह जेला वै ही नाहणे, जोह तलवारे संघे मरनअ सह पाका साहा की सह तेता संघे ही मरण। पवित्र लोका रे बुशाह होर धीरज एता में ही साहा। Faic an caibideil |
“ज़हा पशू तूह एभै भाल़अ आसा लागअ द, अह रहा त पैहलै पर ऐबै निं रहणअ, अह निखल़णअ नथहऐ कूंडा का बागै और परमेशरा करनअ अह ऐबै सदा लै खतम। तेखअ पृथूई दी रहणैं आल़ै ज़सरै नांअ संसारे मूल़ हणें बगती ज़िन्दगीए कताबा दी निं आथी लिखै दै, ज़ांऊं तिन्नां एऊ पशूए दशा भाल़णीं ता तिंयां प्राछणैं। अह रहा त पैहलै और एभै निं अह आथी पर अह एछणअ एकी बारी भी। (प्रगट की दी गल्ला 17:11)