प्रकाशितवाक्य 12:12 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान12 “तैहीता, हे स्वर्ग और स्वर्गै रहणैं आल़ैओ, खुश हआ! “पर हे पृथूई और समुंदर बनाश आअ तम्हां लै, “राख्स होथअ तम्हां सेटा लै बडै रोशा संघै, “किल्हैकि तेऊ का गअ थोघ लागी कि तेऊ का बच़अ ऐबै थोल़अ बगत।” (प्रगट की दी गल्ला 8:13) Faic an caibideilकुल्वी12 ऐसा बजहा न, हे स्वर्गा होर तिन्हां न रौहणु आल़ैओ मगन होआ, हे धौरती होर समुन्द्र तुसा पैंधै हाय! किबैकि शैतान बड़ी झ़िका सैंघै तुसा हागै उतरु सा, किबैकि सौ ज़ाणा सा कि तेइरा बौक्त थोड़ाऐ बाकि सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम12 तेबा स्वर्ग, होर तेऊमें रहण आले मगन हो, धरती होर समुन्द्र तमा पेन्दे हाय, किबेकि शैतान तमा पेन्दे बडे गुसे संघे आओ , किबेकि सह जाणा की तेऊरा थोडा वक्त एबा थारे डेरे मे बचू दा साहा। Faic an caibideil |