प्रकाशितवाक्य 11:6 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान6 परमेशरै आसा तिन्नां लै अह हक दैनअ द कि तिंयां सरग बरशणैं का तेभै बंद करे ज़ेभै तेऊओ समाद खोज़ा। तिन्नां आसा इहअ हक बी भेटअ द कि तिंयां पाणीं लोहू ज़िहअ लाल करे और पृथूई दी कई रंगे घोर खरी आणे। तिंयां सका एता कज़ेभल़ी करी ज़ेभै तिन्नों दिल करे। Faic an caibideilकुल्वी6 इन्हां बै अधिकार सा कि सर्गा बै बन्द केरलै कि तिन्हरी भविष्यवाणी रै रोज़ा न गाश नी एला, होर तिन्हां बै अधिकार सा कि ते सारै पाणी बै लोहू बणालै होर ज़ैबै-ज़ैबै च़ाहलै तैबै-तैबै धौरती पैंधै मुसीबत आंणलै। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम6 त्याह वै यह अधिकार साहा की त्या सरगा बंद करी सका होर की त्याह री भविष्यवाणी री धयाडी में स्वर्ग का पाणी नांई हुणा, होर त्याह यह अधिकार साहा की सारे पाणी रा लोहू बनाई सका होर जेबरे पृथ्वी चाहे की कई तरहा री होर बिपति पाई सका। Faic an caibideil |