प्रकाशितवाक्य 10:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 ज़ुंण स्वर्ग दूत मंऐं समुंदर और धरती दी खल़्हुअ द भाल़अ, तेऊ च़कअ आपणअ दैहणअ हाथ स्वर्गा बाखा लै। (बधान 32:40) Faic an caibideilकुल्वी5 होर ज़ुण स्वर्गदूत मैं समुन्द्र होर धौरती न खड़ा हेरू ती, तेइयै आपणा दैहिणा हौथ स्वर्गा धिराबै च़कू। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 जोह स्वर्गदूत मांई समुन्दरा में, होर धरती पेन्दे खडअ हेरू, तेऊए आपणे दाये हाथ स्वर्गा फेरा वै चकु। Faic an caibideil |