प्रकाशितवाक्य 1:17 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान17 ज़ांऊं मंऐं सह भाल़अ, ता तेऊए च़रणैं पल़अ हुंह मुल्दै ज़िहअ। तेखअ बोलअ तेऊ मुंह प्रैंदै आपणअ दैहणअ हाथ डाही करै, “डरै निं आथी, हुंह आसा आदी और अंत और हुंह आसा सह ज़ुंण सदा ज़िऊंदअ रहा। (याशायाह 44:6; 8:17) Faic an caibideilकुल्वी17 ज़ैबै मैं सौ हेरू, ता हांऊँ मुर्दै सांही तेइरी ज़ोंघा पैंधै पौड़ू। पर तेइयै मूँ पैंधै आपणा दैहिणै हौथ रखिया ऐ बोलू, “डौरदा मत, हांऊँ पैहला होर आखरी होर हांऊँ सौऐ सा ज़ो ज़िन्दगी रा स्रोत सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम17 जेबरे मांए सह हेरू, तेबा तेऊरी जांघा पेन्दे हाऊ मुएदे साही पडू, होर तेऊये आपणे दाहिनअ हाथ डाही करे बोलू, डरे नांई आन्दअ, हाऊं पहिले होर अन्त तक जिऊंदअ साहा। Faic an caibideil |
हुंह युहन्ना लिखा एता तम्हां विश्वासी लै ज़ुंण एशिया लाक्कै साता मंडल़ी दी आसा। हुंह करा एही प्राथणां कि तम्हां लोल़ी परमेशरा का जश और शांती भेटी। सह आसा इहअ परमेशर ज़ुंण सदा तिहअ ई रहा, सह ज़ुंण आझ़ आसा, आझ़ा का पैहलै त और आजू बी रहणअ। तिन्नां साता आत्मां बाखा बी लोल़ी झींण और शांती भेटी ज़ुंण तेऊए राज़गादी सम्हनै आसा