फिलिप्पी 4:15 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान15 हे फिलिप्पी रहणैं आल़ै मेरै भाईओ, तम्हां का आसा थोघ कि खुशीओ समाद खोज़णें शुरू दी ज़धू हुंह थारै लाक्कै मकिदुनिया का आजू नाठअ, तधू निं तम्हां छ़ाडी होरी कोही बी मंडल़ी ढबै-धेल्ले बारै मेरी मज़त की। Faic an caibideilकुल्वी15 होर ओ फिलिप्पी शैहरा न रौहणु आल़ैओ, तुसाबै आपु भी पता सा कि खुशी रा समादा रै प्रचारा रै शुरुआता न ज़ैबै हांऊँ तुसरै प्रदेश मकिदुनिया न नौठा ता तैबै तुसाबै छ़ौड़िया होर कोई मण्डलीयै मेरी आर्थिक रूपा न मज़त नैंई केरी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम15 हे फिलिप्पियो, तमे आपे भी जाणा कि सुसमाचारा रे शुरू में जेबा हाऊं मकिदुनिया का कुछ करू च़लू तेबा तमा छाड़ी होर कासु कलीसिया लेणे-देणे रे बारे में मेरी सहभागी नांई होऊ। Faic an caibideil |