फिलिप्पी 2:30 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान30 किल्हैकि एऊ पाऐ मसीहे कामां लै आपणैं प्राण बी खातरै दी अह बच़अ मरनै का बाल़-बाल़, ताकि ज़ुंण कामीं पेशी तम्हां बाखा का मेरी सेऊआ दी हूई, तेसा पूरी करे। Faic an caibideilकुल्वी30 किबैकि सौ मसीह रै कोमा री तैंईंयैं आपणै प्राण भी मुश्किला न पाईआ मौरनु आल़ा ती, ताकि सौ तिन्हां तरीकै न मेरी मज़त केरी सकलै ज़ो तुसै नी केरी सकै किबैकि तुसै बोहू दूर सी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम30 किबेकि सह मसीहा रे कामा री तणी आपणे प्राण खतरे में पाई करे मउती रे नेड आउअ थी कि जोह कमी थारी तरफा का मेरी सेवा में होई तेसा पूरी करे। Faic an caibideil |