फिलिप्पी 2:17 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान17 ज़ै मुंह थारै विश्वासे बल़ीदान और सेऊआ लै मुंह मरनअ बी पल़े तैबी आसा हुंह खुश और तम्हां सोभी संघै मनाऊंआं हुंह खुशी। Faic an caibideilकुल्वी17 होर अगर मुँभै बशाह रै बलिदाना न होर सेवा न आपणा लोहू भी बहाणा पौड़ू ता तैबै भी हांऊँ खुश सा, होर तुसा सैभी सैंघै खुशी मना सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम17 अगर महा थारे बुशाह रूपी बलिदान होर सेवा संघा आपणा लोहू भी बहाऊंणा पडे तेबा भी हाऊं खुश साहा होर तमे सभी संघा आनन्द करा। Faic an caibideil |