मरकुस 8:37 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान37 एसा गल्ले बारै सोठा कि मणछा लै आपणीं ज़ानीं का ज़ादै किम्मती किज़ै आसा? Faic an caibideilकुल्वी37 किबैकि कोई भी मांहणु आपणै प्राणा रै बदलै हमेशा री ज़िन्दगी नी पाई सकदा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम37 मणश आपणे प्राणा रे बदले कैह देई सका? Faic an caibideil |
“ज़ै तम्हैं मुंह आपणअ प्रभू मनणै और मेरी शिक्षा मनणै का इहअ एसा डरै हुधिए कि एऊ ज़मानें पापी और कंज़रै लोगा करनअ थारअ सुहांग, तै हुधणअ तेभै मुंह मणछे शोहरू बी कि तम्हैं निं मेरै च़ेल्लै आथी ज़ेभै हुंह आपणैं पबित्र स्वर्ग दूता संघै पृथूई दी फिरी एछणअ। तेभै भाल़णअ सोभी मेरअ प्रतप ज़िहअ मेरै बाप्पूओ आसा।”