मरकुस 7:21 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान21 किल्हैकि भितरा का मतलब ज़ुंण मणछे मना का बूरै बच़ार निखल़ा ज़ुंण मणछा, “कंज़रैई, च़ोरी, हत्या, पराई बेटल़ी संघै डेऊणअ, Faic an caibideilकुल्वी21 किबैकि मांहणु रै दिला आँध्रै न बुरै विचार, बुरै कोम, च़ोरी केरना, लोहू केरना, Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम21 किबेकी बुरे विचार मितरा का मतलब मणश रे मना का माडे विचार, ब्यभिचार, चोरी, हत्या दूजे री बेटड़ी Faic an caibideil |
हाम्हां लागा अह गल्ल आद डाहणीं कि एक बगत त इहअ बी कि हाम्हैं बी तै तिन्नां लोगा ज़िहै ऐडै ज़ुंण अज़ी मसीहा दी विश्वास निं करदै। हाम्हैं निं परमेशरे गल्ला मंदै तै। हाम्हैं बी तै धोखै दी पल़ै दै। हाम्हैं करा तै कबल्लै बूरै काम करना लै आपणअ बगत बरैबाद और हाम्हैं रहा तै तिहअ करदै लागी ज़ेता म्हारी देही च़ाहा ती। हाम्हैं बी च़ाहा तै तिन्नां गल्ला ज़ुंण होरी का आसा। हाम्हैं पज़ेरा तै होरीए दिलै आप्पू लै नफरत और हाम्हैं करा तै एकी दुजै संघै ज़ीद।