मरकुस 14:58 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान58 “हाम्हैं शूणअ अह इहअ बोलदअ कि मुंह पाणअ अह हाथा करै बणांअ द मांदर ढोल़ी और चिई धैल़ै बाद बणांणअ दुजअ मांदर, ज़ुंण हाथा करै नांईं होए बणांअ द।” Faic an caibideilकुल्वी58 “आसै ऐ ऐण्ढा बोलदा शुणू सा कि मैं मांहणु रै हौथै बैणूदा ऐ मन्दिर मूँ नाश केरना होर त्रा रोज़ा भीतरै मूँ दुज़ा मन्दिर बनाणा, ज़ो कि हौथै लाइया बैणूदा नी होंणा।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम58 हामें यह एड़अ बोलदअ शूणु की महा यह हाथे संघे बनाऊद देहुरअ डोलनअ होर, चीई धयाडी में दूजअ त्यार करणअ, जोह हाथे संघे नांई हुणअ बणुदअ। Faic an caibideil |
पर ज़ांऊं मसीहा म्हारअ माहा परोहित बणीं आअ, तेऊ आणी ईंयां शोभली गल्ला ज़ुंण एभै हाम्हां का आसा। तेखअ नाठअ सह परमेशरा सेटा स्वर्गा लै, सह आसा भितरे खास पबित्र ज़ैगा ज़िहअ, पर अह निं एऊ संसारो आथी ज़ुंण परमेशरै बणांअ। अह आसा तेऊ च़ऊंरै का बधिया ज़ुंण मुसा गूरै एसा पृथूई दी बणांअ किल्हैकि सह आसा सिध्द।