मरकुस 14:34 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान34 तेऊ बोलअ इहअ, “मेरअ ज़िऊ आसा बडअ दुखी इहअ कि मेरै च़ाल्लै ज़िहै प्राण निखल़ी, तम्हैं खल़्हिया इधी और बिहुदै रहा।” (भज़न 42:5) Faic an caibideilकुल्वी34 होर तिन्हां बै बोलू, “मेरा मन बड़ा उदास हुआ सा, औखै तैंईंयैं कि हांऊँ मौरनु आल़ा सा, तुसै औखै बेशा, होर बिऊदै रौहा।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम34 होर तेऊ त्याह का बोलू मेरा मन बखे दुखी साहा, अखे तक की हाऊं मरने आलअ साहा दअ, तमे अखी रुका, होर जागदे रहा। Faic an caibideil |