मत्ती 9:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 सान गल्ल किज़ै आसा, एऊ दरंगे मरीज़ा लै इहअ बोल़णअ कि तेरै पाप हुऐ माफ, या एऊ लै इहअ बोल़णअ कि ‘उझ़ू हांढदअ फिरदअ लाग?’ Faic an caibideilकुल्वी5 सान कि सा, ऐण्ढा बोलणा कि तेरै पाप माफ हुऐ या ऐण्ढा बोलणा कि, ‘उठ होर च़लदा फिरदा लाग।’ Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम5 ठीक कैह साहा? यह बोलणा, तेरे पाप क्षमा होई, या यह बोलणाा उठ होर हांड फिर। Faic an caibideil |