मत्ती 7:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 “ज़ै तेरी आपणीं आछी ई आसा शेटू पल़अ द, तै किहअ करै सका तूह आपणैं भाई लै इहअ बोली कि एछ मेरै भाई हुंह काढूं तेरी आछी भितरी पल़ी दी घाहे कणीं पोर्ही? Faic an caibideilकुल्वी4 ज़ैबै तेरी आपणी औछ़ी न लक्ड़ा सांही बड़ी गलती नी हेरिदी ता तू आपणै भाई बै कैण्ढै बोली सका सा कि एज़ ‘हांऊँ तेरी औछ़ी रै आल्है बै खोलनू?’ Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम4 जेबा तेरी आछी मे धुडा साहा, तेबा तुह आपणे भाई केडे बोली सकदा, इछ हाऊं तेरी आछी का धुडा काढू? Faic an caibideil |