मत्ती 6:34 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान34 “ऐबै काल्ला धैल़ीओ फिकर निं तम्हैं करी, किल्हैकि काल्ला एछणैं आल़ी धैल़ी हेरनअ आपणअ फिकर आप्पै करी और आझ़ा लै आसा आझ़ो दुख ई बतेर्हअ।” Faic an caibideilकुल्वी34 तैबै कालकी तैंईंयैं चिन्ता मता केरदै किबैकि कालकै ध्याड़ै आपणी तैंईंयैं आपै फ़िक्र केरनी, औज़की तैंईंयैं औज़का दु:ख रज़ सा।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम34 तमें कालकी चिन्ता नांई करा, किबेकि कालकी धियाड़ आपणी चिन्ता आपे करणी; आज़ा बे आज का दुःख ही बहू साहा। Faic an caibideil |