मत्ती 6:16 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान16 “ज़ेभै तम्हैं ब्रत करे, तेभै निं तम्हैं कपटी लोगा ज़िहअ मुंह डाही छ़ड़ाऊई। किल्हैकि तिंयां डाहा आपणअ मुंह शेऊई। ताकि लोगा का इहअ थोघ च़ले कि अह आसा ब्रतू। हुंह खोज़ा तम्हां का सत्त कि तिन्नां गअ तेतो फल भेटी। Faic an caibideilकुल्वी16 “ज़ैबै तुसै ब्रत केरलै, ता कपटी सांही मुँह बणाईया मता बैशदै, किबैकि ते लोका बै रिहाणै री तैंईंयैं आपणा मुँह बणाईया बैशा सी, कि तिन्हैं ब्रत केरू सा। हांऊँ तुसाबै सच़ बोला सा, कि तिन्हां बै तिन्हरा ईनाम मिलू। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम16 जेबा तमे ब्रत करले, तेबा कपटी रे बराबर थारे मुँहां में नरागजी ना छाई रहे, किबेकी त्याह आपणे मुँहा बणाई डाहंदा, कि लोका त्याह ब्रतु ज़ाणे। हाऊं तमाबे सच बोला कि त्याहे आपणा प्रतिफल पाई छेकू। Faic an caibideil |