मत्ती 5:37 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान37 “पर थारी ‘हाँ’ करनैओ मतलब लोल़ी ‘हाँ’ और थारी ‘नांह’ करनैओ मतलब लोल़ी ‘नांह’ हुअ। किल्हैकि ज़ुंण बी एता का खास्सअ हआ सह हआ राख्सा बाखा। Faic an caibideilकुल्वी37 पर तुसरी गैला न हाँ ता हाँ, होर नैंई ता नैंई हो, किबैकि ज़ो एथा न ज़ादा होआ सा सौ शैताना धिरै न होआ सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम37 पर थारी गला हाँ कि हाँ, या नांई कि नांई हो; किबेकी जोह कुछ एताका ज्यादा हुंदा सह दुष्टा का हूँदा। Faic an caibideil |