मत्ती 5:20 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान20 “पर हुंह खोज़ा तम्हां का सत्त कि, ज़ै तम्हैं परमेशरे हर गल्ला मनणा लै इना शास्त्री और फरीसी पंथे लोगा का खास्सै धर्मीं होए तै सका तम्हैं स्वर्ग राज़ा दी डेऊई। Faic an caibideilकुल्वी20 किबैकि हांऊँ तुसाबै बोला सा, कि अगर तुसै शास्त्री होर फरीसी न ज़ादा इन्हां मूसै रै बिधाना बै नी मनलै ता तुसै स्वर्ग राज्य न कैधी भी नी जाई सकदै। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम20 किबेकि हाऊं तमा लोक बे बोला, कि अगर थारी धार्मिकता शास्त्री होर फरीसी री धर्मिकता का बडी करे नांई होए, तेबा तमा स्वर्गा रे राज्य में कधी भी प्रबेश नांई पाउणा। Faic an caibideil |