मत्ती 5:11 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान11 “परमेशर आसा तम्हां करै खुश। ज़ेभै तम्हां लै लोग मुंह पिछ़ू हांढणें बज़्हा झ़ुठअ बोली करै थारै बरोधा दी हर रंगो बूरअ बर्ताअ करे। Faic an caibideilकुल्वी11 धन्य सी तुसै ज़ैबै मेरी बजहा सैंघै लोका तुसरी निन्दा केरलै होर झ़ुठ बोली-बोलिया तुसरै खिलाफ़ सैभ किस्मा री बुरी गैला बोलै। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम11 धन्य साहा तमे, जेबा मणशा मेरी बजहा का थारी निन्दा करे, होर सताए होर झूठ बोली करे थारे बिरोधा में सब तरहा री बुरी गला बोले। Faic an caibideil |