मत्ती 27:60 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान60 संघा डाही तेऊ सह ल्हास नऊंईं घोरी दी ज़ुंण तेऊ शाफल़ा दी मज़दूरा लाई करै ती खण्हीं दी। संघा डाही तेसा घोरी प्रैंदै एक बडी टोल्ह तेखअ लागअ आपणैं घरा लै हांढदअ। Faic an caibideilकुल्वी60 होर सौ नौंऊँईं कब्रा न रैखी, होर कब्रा बाहरै एक बड़ै पात्थर डाहिया तौखै न नौठा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम60 होर सह आपणी नऊई कब्रा में डाहू, जोह तेऊ शाफड़ा में कोती दी थी, होर कब्रा रे दुआरा सेटा एक बढ़अ पाथर बदल़ी करे नाठअ। Faic an caibideil |